rahu ko prasann karne ke upay Things To Know Before You Buy



यदि यह ग्रह जन्म कुंडली में अशुभ स्थिति में या दुर्बल स्थिति में हो तो जीवन यापन में किन-किन वस्तुओं में नुकसान होगा और किन-किन चीजों में अधिक लाभ होगा आइए जानते हैं।

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अगम अमंगल मम हर लीजै। सकल मनोरथ पूरण कीजै।।

इस विषय में हमने भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद विशेषज्ञ शास्त्री विनोद सोनी पोद्दार से बातचीत की और जाना कि राहु-केतु की कुंडली में दशा खराब होने के लक्षण क्या होते हैं और इसके प्रकोप से कैसे बचा जा सकता है?

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ज्योतिषियों का कहना है कि राहु और केतु के बीच में सभी शुभ और अशुभ ग्रहों के आ जाने से कालसर्प दोष लगता है. इसका व्यक्ति के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है. कहते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में राहु कमजोर स्थिति में होता है या फिर विवाह घर में विराजमान होता है तो उस जातक की शादी में देरी होती है.

यह अपेक्षाकृत सकारात्मक अवधि है क्योंकि जातक करियर के मोर्चे पर अच्छा करता है। कार्य के मामले में पदोन्नति और व्यावसायिक मामलों में वृद्धि की संभावना बहुत अधिक है। दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ बनी रहती हैं। जातक इस अवधि के दौरान अपने वाहन के आराम का आनंद लेते हैं। यह शिक्षा के साथ-साथ अन्य मामलों के लिए भी एक सकारात्मक दशा है। बुद्धि में सुधार होता है जो जीवन में सही चुनाव करने में मदद करता है। बुध की उपस्थिति मुसीबतों से बाहर आने में मदद करती है। इस अवधि के दौरान स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिति में भी सुधार होता है।

सोमवारी शिव व्रताचे पालन केल्यास माणसाची प्रत्येक इच्छा पूर्ण होते. जे लोक या दिवशी उपवास करतात त्यांनी दिवसातून एकदाच भोजन घ्यावे. पूजेच्या वेळी भोलेशंकरांची आरती आणि कथा वाचली पाहिजे. यासह भोलेनाथांचे मंत्रही जप केले पाहिजेत. आपण पूजेच्या वेळी जप करावा अशा शिव मंत्रांचे पठण करूया.

चूंकि असुर अब तक अमृत पी चुका था। भगवान विष्णु के चक्र से असुर का सिर अलग तो हो गया लेकिन वह अब भी जीवित था क्योंकि उसने अमृत पी लिया था। बस यहीं से राहु केतु का जन्म हुआ। उस असुर का सिर वाला भाग राहु तथा धड़ वाला भाग केतु नाम से अमर हो गया। 

जिस किसी भी व्यक्ति की राहु की दशा चल रही है या जीवन में राहु के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं वह हमारे द्वारा बताए गए उपायों को करके नकारात्मक प्रभावों से rahu ko prasann karne ke upay बच सकता है।

*किसी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग न करें।

*घर के भीतर मंदिर का होना जातक की पुत्र प्राप्ति में बाधक हो सकता है।

* तांब्याच्या भांड्यात गूळ, गहू भरून पाण्यात प्रवाहित करावं.

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